मंगलवार, 15 जून 2010

अपनी अहमियत है

जिन्दगी में प्यार की
बसंत में बहार की
गीता के सार की
अपनी अहमियत है |


बागों में फूलों की
मेले में झूलों की
जीवन में उसूलों की
अपनी अहमियत है |


तरकश में तीर की
भोजन में खीर की
तरलों में नीर की
अपनी अहमियत है |


युद्ध में वीरों की
गणित में जीरो की
फ़िल्म में हीरो की 
अपनी अहमियत है |


दिनों में इतवार की
दोस्ती में  ऐतबार की
काव्य में अलंकार की
अपनी अहमियत है |


जेवरों में शाइन की
पार्टी में वाइन की
जंगल में लायन की
अपनी अहमियत है |


फूलों में गुलाब की
रातों में ख्वाब की
दफ्तर में साहब की
अपनी अहमियत है |


रसों में श्रृंगार का
आभूषणों में हार का
मुंह में लार की
अपनी अहमियत है |


त्योहारों में दीवाली की
शहरों में बरेली की
मकानों में हवेली की
अपनी अहमियत है |


मेरे लिए आपकी
हर पल साथ की
दिल की बात की
अपनी अहमियत है ||

6 Comments:

Jandunia said...

जिंदगी में प्यार की बहुत अहमियत है

दिलीप said...

bahut badhiya...

आचार्य उदय said...

सार्थक कविता।

Unknown said...

वाह ..जोरदार..आपने तो कविता में सारे भाव एक साथ पिरो दिए...पर सभी बाते है एकदम सच्ची...अच्छी कल्पना के साथ बेहतरीन प्रस्तुति..बधाई।

Jandunia said...
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
गुलशन मदान said...

teri zindgi ki bahut ahmiyat hai,
teri har khushi ki bahut ahmiyat hai,
khuda ki ibadat zaroori hai lekin,
teri bandgi ki bahut ahmiyat hai.

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