गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

आतंकवाद

बम बारूद और बन्दूक
सोचकर ही
हैरान-सा हो जाता हूँ
लेकिन वह
जो हर रोज
इनके साथ रहता है
अपना जीवन जीता है
कैसे जीता होगा
अँधेरा, अंत और आतंक
जिसके सहचर हैं
दुनिया की मानवता
जिसका निशाना बनी है
जो अंत और आतंक के लिए
अंधेरे का सहारा लेकर
बम, बारूद और बन्दूक के साथ
लालिमा को अपना लक्ष्य बनाकर
आचरण करता है
क्या नाम दूँ उसे
मुल्ला उमर, मसूद अजहर
या फिर
ओसामा-बिन-लादेन
पर , हाँ
जगत उसको
आतंकवाद कहता है |

सोमवार, 6 अप्रैल 2009

प्यार

प्यार
मात्र शब्द नहीं
तोहफा है कुदरत का
जिस पर जीवन निर्भर करता है
जिसके बिना जीवन अधूरा है
प्यार
एक भावना है
जिससे बदल जाते हैं
मायने हर रिश्ते के
और एक झोली में
सिमट जाती हैं खुशियाँ
प्यार
एक वरदान है
जिससे मिट जाता है
अपने पराये का भाव
और सारी दुनिया
अपनी नज़र आती है ।

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