शनिवार, 19 जून 2010
प्रीत
प्रस्तुतकर्ता दिनेश शर्मा पर 6:42 am 6 टिप्पणियाँ
मंगलवार, 15 जून 2010
अपनी अहमियत है
जिन्दगी में प्यार की
बसंत में बहार की
गीता के सार की
अपनी अहमियत है |
बागों में फूलों की
मेले में झूलों की
जीवन में उसूलों की
अपनी अहमियत है |
तरकश में तीर की
भोजन में खीर की
तरलों में नीर की
अपनी अहमियत है |
युद्ध में वीरों की
गणित में जीरो की
फ़िल्म में हीरो की
अपनी अहमियत है |
दिनों में इतवार की
दोस्ती में ऐतबार की
काव्य में अलंकार की
अपनी अहमियत है |
जेवरों में शाइन की
पार्टी में वाइन की
जंगल में लायन की
अपनी अहमियत है |
फूलों में गुलाब की
रातों में ख्वाब की
दफ्तर में साहब की
अपनी अहमियत है |
रसों में श्रृंगार का
आभूषणों में हार का
मुंह में लार की
अपनी अहमियत है |
त्योहारों में दीवाली की
शहरों में बरेली की
मकानों में हवेली की
अपनी अहमियत है |
मेरे लिए आपकी
हर पल साथ की
दिल की बात की
अपनी अहमियत है ||
प्रस्तुतकर्ता दिनेश शर्मा पर 8:55 pm 5 टिप्पणियाँ