आजादी की ६३वीं वर्षगांठ पर आपको हार्दिक शुभकामनांए।
क्या याद हैं
वो बलिदान की कहानी
मां की आंख का पानी
विधवा जवानी
बाप
नहीं था
जिसकी आंख में पानी
जिससे हुईं नसीब
ये आजाद जिंदगानी
क्या याद है
वो बलिदान.............।
"वसुधैव कुटुम्बकम्" की परिकल्पना