सोमवार, 10 मई 2010

हो सकता है ऐसा भी

हालात आज के देख- देखकर
मुझको लगता है कभी-कभी
पूरी दुनिया बदल जाएगी
हो सकता है ऐसा भी

घी-दूध के सपने लेगा
इनको तरसेगा व्यक्ति
शायद बन जायें इंजेक्शन
हो सकता है ऐसा भी

जनता की लाचारी देखो
भूख मिटाने को बने गोलियां
हो सकता है ऐसा भी

गुरु शिष्य की परंपरा
हो बात ज़माने बीते की
एक मेज पर बैठ पीयेंगे
हो सकता है ऐसा भी

क्या होगा भविष्य प्रेम का
जब होगा कामुक हर प्रेमी
अवैध प्रेम बन जाये
हो सकता है ऐसा भी

परिचय पत्र बनाने लगेंगे
जिनसे सिद्ध ईमानदारी होगी
उस पर भी मोल लिखा होगा
हो सकता है ऐसा भी

क्षमा चाहता हूँ आपसे
सुधर जाऊंगा मैं भी
पर क्या सुधरेगी दुनिया
हो सकता है ऐसा भी ||

2 Comments:

ढपो्रशंख said...

आज हिंदी ब्लागिंग का काला दिन है। ज्ञानदत्त पांडे ने आज एक एक पोस्ट लगाई है जिसमे उन्होने राजा भोज और गंगू तेली की तुलना की है यानि लोगों को लडवाओ और नाम कमाओ.

लगता है ज्ञानदत्त पांडे स्वयम चुक गये हैं इस तरह की ओछी और आपसी वैमनस्य बढाने वाली पोस्ट लगाते हैं. इस चार की पोस्ट की क्या तुक है? क्या खुद का जनाधार खोता जानकर यह प्रसिद्ध होने की कोशीश नही है?

सभी जानते हैं कि ज्ञानदत्त पांडे के खुद के पास लिखने को कभी कुछ नही रहा. कभी गंगा जी की फ़ोटो तो कभी कुत्ते के पिल्लों की फ़ोटूये लगा कर ब्लागरी करते रहे. अब जब वो भी खत्म होगये तो इन हरकतों पर उतर आये.

आप स्वयं फ़ैसला करें. आपसे निवेदन है कि ब्लाग जगत मे ऐसी कुत्सित कोशीशो का पुरजोर विरोध करें.

जानदत्त पांडे की यह ओछी हरकत है. मैं इसका विरोध करता हूं आप भी करें.

पूनम श्रीवास्तव said...

jo kuchh soch aapne
lagata hai hoga bilkul vaisa hi.
poonam

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