आज आपके लिए गुलशन मदन की एक गज़ल
भूगोल उसका पेट है, विज्ञान भूख है
मुफ़लिस से ब्रह्म ज्ञान की बातें न कीजिए
लड़ना है आपको तो लड़ें अमन के लिए
ये तीर और कमान की बातें न कीजिए
दौलत बशर के पास कभी है, कभी नहीं
दौलत की झूठी शान की बातें न कीजिए
खुद जी रहा जो दूसरों के हक़ को छीनकर
क्या देगा, उससे दान की बातें न कीजिए
......................
मुफ़लिस से ब्रह्म ज्ञान की बातें न कीजिए
लड़ना है आपको तो लड़ें अमन के लिए
ये तीर और कमान की बातें न कीजिए
दौलत बशर के पास कभी है, कभी नहीं
दौलत की झूठी शान की बातें न कीजिए
खुद जी रहा जो दूसरों के हक़ को छीनकर
क्या देगा, उससे दान की बातें न कीजिए
......................
दोस्तों, जिस साहित्य सभा कैथल हरियाणा के प्रयास के फल-स्वरुप मैं आपसे मुखातिब होने का साहस जुटा पाया आज उसी साहित्य सभा कैथल ने ब्लॉग संसार में कदम रखा है और आपसे स्वागत की अपेक्षा रखता हूँ | अपने स्नेहिल वचनों से इस पौधे को जरुर अभिसिंचित करें | जरुर आइयेगा:-
www.sahityasabhakaithal.blogspot.com
www.sahityasabhakaithal.blogspot.com
2 Comments:
दौलत बशर के पास कभी है, कभी नहीं
दौलत की झूठी शान की बातें न कीजिए
-बहुत अलग तरह का.आनन्द आया पढ़कर.
भूगोल उसका पेट है, विज्ञान भूख है
मुफ़लिस से ब्रह्म ज्ञान की बातें न कीजिए
वाह्! कमाल की पंक्तियाँ....सच कहा भूखे को ज्ञान की नहीं रोटी की जरूरत हुआ करती है।
Post a Comment