शनिवार, 14 नवंबर 2015

श्रद्धांजलि

प्रतिशोध के नाम पर
सैंकड़ो लोगों का बलिदान
फिर एक बार हुआ
कत्लेआम
शर्मसार हुई है फिर
आदमी की जात
नहीं इंसानियत की कोई
अब रही अहमियत
वर्चस्व की आग में
किस ओर बढ़ रहा है
बेचैन आदमी
क्यों इस कदर
जल रहा है आदमी
क्यों इस कदर
जला रहा है आदमी
क्यों इस .......

* पेरिस के कत्लेआम में मारे गए लोगों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि ....

1 Comment:

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