प्रतिशोध के नाम पर
सैंकड़ो लोगों का बलिदान
फिर एक बार हुआ
कत्लेआम
शर्मसार हुई है फिर
आदमी की जात
नहीं इंसानियत की कोई
अब रही अहमियत
वर्चस्व की आग में
किस ओर बढ़ रहा है
बेचैन आदमी
क्यों इस कदर
जल रहा है आदमी
क्यों इस कदर
जला रहा है आदमी
क्यों इस .......
* पेरिस के कत्लेआम में मारे गए लोगों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि ....
1 Comment:
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