रविवार, 20 मार्च 2011

होली और सुनामी

प्रिय पाठकों
एक तरफ जापान सुनामी के प्रभावों से जूझ रहा है और दूसरी तरफ होली का रंगीन त्योहार । अजीब कशमकश के बीच इस होली पर सभी के लिए ईश्वर से शुभ कामना करते हुए जापान की स्थिति पर अपनी कोमल भावनाएं प्रस्तुत कर रहा हूं ‌:-

विधि ने अत्याचार किया
तनिक दया नहीं आयी
मलबे में दबे अभिभावक
औलाद बाहर खड़ी संकुचाई

आंखों से सूखा नीर
प्रलय धरा पर आई
देखने को गए तरस
मानव को मानव भाई

भवन भये हैं ढेर धरा पर
विस्मित दुनिया सारी
ऎसे लगने लगा सभी को
हो नाराज़ प्रकृति भारी

अब भी होता है मन में
सोच-सोच कर कंपन
लगता जैसे बहा जा रहा
मानवता का तन-मन ॥

4 Comments:

मनोज कुमार said...

संदर भावाभिव्यक्ति!

roshan jahan said...

Excellent

roshan jahan said...

jagta hai jugnu jab duniya soti hai.
insan ke dukh par kavi ki kalam roti hai.

मदन शर्मा said...

पहली बार आपकी पोस्ट पे आया .अद्भुत जानकारी अच्छी लगी
हार्दिक शुभकामनायें!

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