मंगलवार, 26 जनवरी 2010

गणतंत्र सौगात

भारतमाता की संतान , भारत-भू की गोद में पोषित , इसकी
रज में खेल सम्पूर्णता प्राप्त करने वाले ,विश्वमें विभिन्न स्थानों
पर विद्यमान सभी भारतीयों को गणतंत्र की हार्दिक शुभ-कामनाएं |
इस अवसर पर एक साधारण भारतीय के उद्गार
बढ़ रहे हैं बेतहाशा
दाल चीनी के भाव
हो रहे कला-बाजारी
निश दिन माला माल
बेबस अब किसान है
मजबूर है सांझीदार
खून के आंसू रो रहा
मजदूर का परिवार
खैर ,चाहे जो होता रहे
नहीं अपने बस की बात
हालत मांगते अब तो
एक संघर्ष शुरुआत
या स्वीकार करें सादर इसे
मन गणतंत्र सौगात ||



शनिवार, 9 जनवरी 2010

कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण उत्सव

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र संसार में प्रसिद्ध है | इसके जिन स्थानों की प्रसिद्धि संपूर्ण विश्व में फैली हुई है उनमें ब्रह्मसरोवर सबसे प्रमुख है। इस तीर्थ के विषय में विभिन्न प्रकार की किंवदंतियां प्रसिद्ध हैं। अगर उनकी बात हम न भी करें तो भी इस तीर्थ के विषय में महाभारत तथा वामन पुराण में भी उल्लेख मिलता है। जिसमें इस तीर्थ को परमपिता ब्रह्म जी से जोड़ा गया है । सूर्यग्रहण के अवसर पर यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर लाखों लोग ब्रह्मसरोवर में स्नान करते हैं। कई एकड़ में फैला हुआ यह तीर्थ वर्तमान में बहुत सुदंर एवं सुसज्जित बना दिया गया है। कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा ब्रह्मसरोवर के मध्य में स्थित एक शिव मंदिर और परिष्ठभूमि में ब्रह्मसरोवर
बहुत दर्शनीय रूप प्रदान किया गया है तथा रात्रि में प्रकाश की भी व्यवस्था की गयी है | आगामी १५ जनवरी २०१० को यहीं सूर्यग्रहण के अवसर पर मेले का आयोजन होने जा रहा है । कुरुक्षेत्र पहुंचना किसी दृष्टि से कठिन नहीं हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या १ (शेरशाह सूरी मार्ग) पर स्थित पिपली से मात्र ३-४ कि०मी० की दूरी पर कुरुक्षेत्र स्थित है। यहां चडीगढ और दिल्ली से रेल द्वारा भी पंहुचा जा सकता है। कुरुक्षेत्र से आप आसपास के महत्त्वपूर्ण तीर्थों सरस्वती तीर्थ एवं फल्गु तीर्थ पर भी पहुंच सकते हैं। कुरुक्षेत्र की विस्तृत जानकारी के लिए आप ब्लाग पर पूर्व प्रकाशित लेख पढ सकते हैं। सूर्यग्रहण के इस उत्सव में आपका स्वागत करने को यह धर्म-नगरी उत्सुकता से आपका इंतजार कर रही है।

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