मेरी आँखों में
समाये हो तुम
मेरी सांसों में
बसे हो तुम
मेरा तन
मेरे प्राण हो तुम
मेरी स्तुति
मेरे स्तुत्य हो तुम
मेरी प्रेरणा
मेरा प्रण हो तुम
मेरी साधना
मेरा साहित्य हो तुम
ए-मेरे वतन
मेरी शान हो तुम
मैं अनजान हूँ यहाँ
मेरी पह्चान हो तुम
गर्व से कहता हूँ
मैं हिन्दुस्तानी
हिन्दुस्तान हो तुम ll
बस एक पूड़ी और लीजिए हमारे कहने से
1 हफ़्ते पहले
1 Comment:
Very good Sir Keep it up
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