सूरज की आभा से
आगाज़ हो चुका है
रोशन ज़माना
चहुं ओर हो चुका है
है दीवाली की सुबह
सब ओर इक उमंग है
आज हर दिल
बना इक पतंग है
दिन खुशनुमा है
रात भी खास होगी
हर दीये की अंधेरे से
कड़ी जंग होगी
मां लक्ष्मी भी
मेहरबान होंगी
खुशियों की भरपूर
बरसात होगी
फिर आयेगी
दुनिया में खुशहाली
ना वैर-भाव की
कोई बात होगी
क्या तेरी क्या मेरी
आज 'हम' की बात होगी
है तेरी भी दुनियाहै मेरी भी दुनिया
प्रगति और सद्भाव की
शुरुआत होगी॥